( ऑडीओ - व्हीडीओ सहित )
शोला था जल-बुझा हूँ हवायें मुझे न दो
मैं कब का जा चुका हूँ सदायें मुझे न दो ॥
जो ज़हर पी चुका हूँ तुम्हीं ने मुझे दिया
अब तुम तो ज़िन्दगी की दुआयें मुझे न दो ॥१॥
ऐसा कहीं न हो के पलटकर न आ सकूँ
हर बार दूर जा के सदायें मुझे न दो ॥२॥
कब मुझ को ऐतेराफ़-ए-मुहब्बत न था 'फ़राज़'
कब मैं ने ये कहा था सज़ायें मुझे न दो ॥३॥
गायक - मेहेंदी हसन
( Shola tha jal buza hun , hawae muze na do )
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