Sunday, April 25, 2010

बाज़ीचा-ऐ-अत्फाल - गालिब

( ऑडीओ - व्हीडीओ सहित )
बाज़ीचा-ऐ-अत्फाल है दुनिया मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे
[बाज़ीचा-ऐ-अत्फाल = भातुकलीचा खेळ]

इक खेल है औरंग-ऐ-सुलेमान मेरे नज़दीक
इक बात है एजाज़-ऐ-मसीहा मेरे आगे
[औरंग = सिंहासन; एजाज़ = चमत्कार]

जुज़ नाम नहीं सूरत-ऐ-आलम मुझे मंजूर
जुज़ वहम नहीं हस्ती-ऐ-आशिया मेरे आगे
[जुज़ = या शिवाय ; आलम = जग ; आशिया = गोष्ट]

होता है निहां गर्द में सेहरा मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक पे दरिया मेरे आगे
[निहां = लपलेला ; गर्द = धूळ, सेहरा = वाळवंट, जबीं = कपाळ]

मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख के क्या रंग है तेरा मेरे आगे

सच कहते हो खुदबीन-ओ-खुदारा हूँ न क्यों हूँ
बैठा है बुत-ऐ-आईना सीमा मेरे आगे
[खुदबीन = गर्विष्ट, खुदारा = स्व स्तुती करणारा, बुत-ऐ-आईना = lover's mirror; सीमा = particularly]

फिर देखिये अंदाज़-ऐ-गुलफ़शानी-ऐ-गुफ्तार
रख दे कोई पैमाना-ऐ-सहबा मेरे आगे
[गुलफ़शानी = to scatter flowers while speaking, सहबा = दारू]

नफरत का गुमाँ गुज़रे है मैं रश्क से गुज़रा
क्यों कर कहूँ लो नाम ना उस का मेरे आगे
[गुमाँ = suspicion; रश्क = असूया]

ईमान मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ्र
काबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे
[कुफ्र = impiety, कलीसा = church]

आशिक हूँ पे माशूक्फरेबी है मेरा काम
मजनूं को बुरा कहती है लैला मेरे आगे

खुश होते हैं पर वस्ल में यूं मर नहीं जाते
आई शब-ऐ-हिजरां की तमन्ना मेरे आगे

है मौजज़न इक कुल्ज़ुम-ऐ-खून काश! यही हो
आता है अभी देखिये क्या-क्या मेरे आगे
[मौजज़न = turbulent, कुल्ज़ुम = समुद्र]

जो हाथ को जुम्बिश नहीं आंखों में तो दम है
रहने दो अभी सागर-ओ-मीना मेरे आगे
[जुम्बिश = हालचाल; सागर-ओ-मीना =दारू चा पेला]

हमपेशा-ओ-हम्माशाराब-ओ-हमराज़ है मेरा
'ग़ालिब' को बुरा क्यों कहो अच्छा मेरे आगे

( bajicha e atfal hai duniya mere aage )

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