Tuesday, March 16, 2010

बावरा मन – हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी

बावरा मन देखने चला एक सपना।।
बावरे-से मन की देखो बावरी है बातें
बावरी-सी धड़कनें हैं बावरी है साँसें
बावरी-सी करवटों से निंदिया क्यों भागे
बावरे-से नैन चाहे बावरे झरोखों से
बावरे नज़ारों को तकना
बावरा मन देखने चला एक सपना।।

बावरे-से इस जहाँ में बावरा इक साथ हो
इस सयानी भीड़ में बस हाथों में तेरा हाथ हो
बावरी-सी धुन हो कोई बावरा इक राग हो
बावरे-से पैर चाहें बावरे तरानों के
बावरे-से बोल पे थिरकना
बावरा मन देखने चला एक सपना।।

बावरा-सा हो अँधेरा बावरी खामोशियाँ
थरथराती लौ हो मद्धम बावरी मदहोशियाँ
बावरा इक घुंघटा चाहे हौले हौले बिन बताये
बावरा-से मुखड़े से सरकना
बावरा मन देखने चला एक सपना।।

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